"कुग्रामवासः कुजनस्य सेवाकु भोजनं क्रोधमुखी च भार्या ।
मूर्खश्च पुत्रो विधवा च कन्या विनाऽग्निना पञ्च दहन्ति कायम् ॥"
अर्थात - "गलत गाँव में निवास, बुरे लोगों की सेवा, खराब भोजन, क्रोधी पत्नी, मूर्ख पुत्र और विधवा बेटी, बगैर अग्नि के भी शरीर को जलाते हैं ।"
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