Shwetanshu RanjanJan 6, 20231 min readसनातन ज्ञानकोष"अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः।।"अर्थात - "उस महान गुरु को मेरा प्रणाम, जिसने उस अवस्था का साक्षात्कार करना संभव किया जो पूरे ब्रम्हांड में व्याप्त है, सभी जीवित और मृत्य (मृत) में ।"
"अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः।।"अर्थात - "उस महान गुरु को मेरा प्रणाम, जिसने उस अवस्था का साक्षात्कार करना संभव किया जो पूरे ब्रम्हांड में व्याप्त है, सभी जीवित और मृत्य (मृत) में ।"
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