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Writer's pictureShwetanshu Ranjan

सनातन ज्ञानकोष

"अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।

तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः।।"



अर्थात - "उस महान गुरु को मेरा प्रणाम, जिसने उस अवस्था का साक्षात्कार करना संभव किया जो पूरे ब्रम्हांड में व्याप्त है, सभी जीवित और मृत्य (मृत) में ।"

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