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सनातन ज्ञानकोष

Writer: Shwetanshu RanjanShwetanshu Ranjan

"अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका ।

तृणै र्गुणत्वमापन्नै र्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः ॥"

अर्थात - "छोटी­-छोटी वस्तुओं के सही मेल से बड़े कार्य भी हो सकते हैं, जैसे घास (तिनकों) से बनाई हुई डोरी (रस्सी) से मस्त हाथी बांधा जा सकता है ।"

 
 
 

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