Shwetanshu RanjanDec 6, 20221 min readसनातन ज्ञानकोष"निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।"अथार्त - "सांप जहरीला न भी हो परंतु फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं । वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें ।"
"निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।"अथार्त - "सांप जहरीला न भी हो परंतु फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं । वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें ।"
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