top of page
Writer's pictureShwetanshu Ranjan

सनातन ज्ञानकोष

"निर्विषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा।

विषं भवतु मा वास्तु फटाटोपो भयंकरः।"



अथार्त - "सांप जहरीला न भी हो परंतु फुफकारता और फन उठाता रहे तो लोग इतने से ही डर कर भाग जाते हैं । वह इतना भी न करे तो लोग उसकी रीढ़ को जूतों से कुचल कर तोड़ दें ।"

10 views0 comments

댓글


bottom of page